प्रदेश में शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया चल रही हैं। वहीं अब सुगम क्षेत्र में तबादलों के लिए शिक्षक एडी छोटी का जोर लगा रहे हैं। इसी बीच खुद को गंभीर बीमार बताने वाले 39 प्रवक्ताओं ने अपना प्रमाणपत्र जमा किए थे। जिनके चिकित्सा प्रमाणपत्र चिकित्सा बोर्ड ने रद्द कर दिए। इसे लेकर शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि इन शिक्षकों ने जो प्रमाणपत्र लगाए थे, वे तबादला एक्ट के दायरे में नहीं आते। इसलिए इनके प्रमाणपत्र रद्द किए गए हैं।
आपको बता दे कि प्रदेश में आजकल शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया शुरू है। जहाँ शिक्षा विभाग की ओर से इसके लिए पात्र शिक्षकों की सूची जारी करने के साथ ही अनुरोध के आधार पर तबादलों के लिए शिक्षकों के आवेदन मांगे गए हैं। जिसके बाद प्रवक्ता संवर्ग सामान्य में अनुरोध के आधार पर 1867 शिक्षकों और महिला शाखा में 159 शिक्षिकाओं ने आवेदन किए है।
बताया जा रहा है कि शिक्षा निदेशालय में तबादलों के लिए आवेदन करने वाले इन प्रवक्ताओं में 216 ने सुगम में तबादले के खुद के गंभीर बीमार होने का प्रमाणपत्र लगाया है। जिसमें से चिकित्सा बोर्ड ने 183 शिक्षकों के प्रमाणपत्र स्वीकृत किए हैं। जबकि 33 प्रवक्ताओं के प्रमाणपत्र रद्द कर दिए गए हैं क्योंकि उनका कहना है कि यह प्रमाणपत्र तबादला एक्ट में दी गई बीमारी के अनुरूप नहीं हैं। वहीं, प्रवक्ता महिला शाखा में 52 शिक्षिकाओं में से 46 के प्रमाणपत्र सही पाए गए हैं। तो वहीं 6 के प्रमाणपत्र रद्द हुए हैं।
बता दे कि शिक्षकों के अनुरोध पर तबादले के लिए तबादला एक्ट में कुछ मानक तय किए गए हैं। जिसमें गंभीर बीमारी, पति-पत्नी, तलाकशुदा, सुगम से दुर्गम में तैनाती चाहने वाले शिक्षकों से इसके लिए आवेदन पत्र लेकर उनके तबादले किए जाते हैं।
वहीं शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी का कहना है कि जहाँ अनुरोध के आधार पर तबादलों के लिए जिन शिक्षकों के चिकित्सा बोर्ड ने प्रमाणपत्र रद्द किए हैं। उन शिक्षकों के आवेदनों पर अब कोई विचार विमर्श नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गलत आधार पर किसी भी शिक्षक का तबादला नहीं होगा।