राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को उत्तराखंड के दो दिवसीय दौरे के लिए ऋषिकेश पहुँची। जहाँ द्रोपदी मुर्मू और राज्य के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि.) परमार्थ निकेतन आश्रम गए। वहीं आश्रम परिसर में उनका शंख ध्वनि, पुष्पवर्षा और वेदमंत्रों से भव्य स्वागत किया गया। इस दौरान राष्ट्रापति ने आश्रम परिसर में स्वामी चिदानंद सरस्वती की साधना स्थली में विराजित मां लक्ष्मी की प्रतिमा को पुष्पहार अर्पित कर शक्ति के प्रति श्रद्धा और भक्ति समर्पित की।
वहीं इसके साथ ही मंगलवार को हनुमान जयंती के शुभ अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (सेनि.) गुरमीत सिंह, आश्रमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती और ग्लोबल इंटरफेथ वाश एलायंस की अंतरराष्ट्रीय महासचिव साध्वी भगवती सरस्वती गंगा आरती में शामिल हुए। वहीं इस दौरान आरती स्थल पर स्वामी चिदानंद सरस्वती ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को हिमालय की हरित भेंट रुद्राक्ष का पौधा, इलायची की माला और हनुमानजी की दिव्य प्रतिमा भेंट कर उनका अभिनंदन किया।
वहीं इस मौके पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि बड़े संयोग की बात है कि आज मैं परमार्थ निकेतन आई हूं। आज हनुमान जयंती, मंगलवार और पूर्णिमा भी है। वहीं गंगा मां का आशीर्वाद है कि मुझे दूसरी बार गंगा आरती में शामिल करने के लिए बुलाया है।
वहीं दूसरी तरफ साध्वी भगवती सरस्वती ने राष्ट्रपति से परमार्थ निकेतन और डिवाइन शक्ति फाउंडेशन की ओर से संचालित सेवाओं की जानकारी दी। वहीं इसके अलावा राष्ट्रपति और राज्यपाल ने हनुमान जयंती के अवसर पर परमार्थ निकेतन के श्री हनुमान घाट पर हनुमान की पूजा-अर्चना, गंगा पूजा और विश्व शांति के लिए पवित्र यज्ञ में आहुति समर्पित की। इसके बाद राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।