प्रदेश में सरकार के द्वारा कितना भी पैसे दिए जाए पर सरकारी विद्यालयों की स्थिति नहीं सुधरेगी। ऐसा ही हाल शिक्षा विभाग का देखने मिलता है। बताया जा रहा है कि विद्यालयों की मरम्मत और छात्र-छात्राओं की ड्रेस के लिए दी गई धनराशि से 13668 स्कूल ने एक भी रुपया खर्च नहीं किया है। जिसके बाद अब शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने एक सप्ताह के भीतर प्रगति न होने पर खुद का और जिला व खंड स्तरीय अधिकारियों का वेतन रोकने के निर्देश दिए हैं।
जानकारी के अनुसार शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों के साथ वर्चुअल बैठक की। इस बैठक के दौरान उन्होंने परियोजना कार्यों के तहत दी गई धनराशि का उपभोग करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा बैठक में पीएम श्री विद्यालयों एवं क्लस्टर विद्यालयों में चल रहे निर्माण कार्यों की भी समीक्षा की।
इस मौके पर शिक्षा महानिदेशक ने कहा कि विद्या समीक्षा केंद्रों पर छात्रों के मूल्यांकन के लिए परख चैट बोट पर छात्र-छात्राओं की प्रतिभागिता बढ़ाई जाए। जबकि विद्यालय भवनों पर लटक रहे बिजली के तारों की जांच कर ली जाए। ताकि छात्र-छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। साथ ही आपदा एवं भारी बारिश को ध्यान में रखते हुए छात्रों की सुरक्षा के लिए अवकाश के संबंध में कार्रवाई की जाए।
वहीं बैठक के दौरान 16 जुलाई को हरेला पर्व पर पौधारोपण के लिए सभी सीईओ को निर्देश दिए गए। इसके अलावा जिलों एवं विद्यालयों को दी गई धनराशि के बारे में जानकारी दी गई कि 15678 विद्यालयों को समग्र शिक्षा के तहत 72 करोड़ 47 लाख रुपये दिए गए थे। जिसका विद्यालयों द्वारा अब तक मात्र 27 प्रतिशत खर्च किया गया हैं। जबकि पीएम श्री स्कूल योजना के तहत मात्र एक प्रतिशत धनराशि खर्च हुई है।