उत्तराखंड में पहाडों से लेकर मैदान तक हो रही भारी बारिश के चलते जन-जीवन अस्त व्यस्त हो गया है। जहाँ पहाड़ी क्षेत्र में भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गईं। वहीं इसी बीच शनिवार को टिहरी के तिनगढ़ गांव में एक बार फिर भूस्खलन हुआ। इस दौरान 15 आवासीय मकान मलबे में दब गए। गनीमत रही कि प्रशासन ने सुबह ही इन घरों को खाली करा लिया था, इसलिए यहाँ कोई हताहत नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि ग्रामीणों को विनकखाल इंटर कॉलेज में शिफ्ट किया गया है।
वहीं टिहरी डीएम मयूर दीक्षित ने आपदा को देखते हुए भिलंगना ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्रों और कक्षा एक से 12वीं तक के सभी स्कूलों को सोमवार, मंगलवार और बुधवार तक बंद रखने के आदेश दे दिए है।
दूसरी तरफ, शनिवार की रात को बूढ़ाकेदार क्षेत्र में धर्मगंगा नदी भी उफान पर आ गई। जिसमें मां-बेटी नदी के तेज बहाव में बह गए हैं। बताया जा रहा है कि बूढ़ाकेदार से छह किमी दूर झाला पुल के समीप नेपाली मूल के मजदूर एक कच्चा मकान में रहते थे। जहाँ देर रात दो बजे के लगभग धर्मगंगा के उफान पर आने से पप्पू बहादुर की पत्नी जया (32) और बेटी मोनिका (7) पानी में बह गई हैं। इसे लेकर थानाध्यक्ष संजीव थपलियाल ने बताया कि नदी के किनारे उनकी तलाश की गई। लेकिन उनका कुछ पता नहीं चल पाया है। हालांकि पप्पू बहादुर और रमेश बहादुर ने किसी तरह भाग कर अपनी जान बचाई।