कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने आज प्रेसवार्ता में शामिल हुए। इस दाैरान उन्होंने केंद्र सरकार पर जमकर हमले किए। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि मामला देश का है। ‘अगर हम गलत हों तो हमें सही कीजिए। अगर वो गलत हों तो हमारा साथ दीजिए’। सुरेंद्र राजपूत ने केंद्र सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि सरकार ने अर्थव्यवस्था को बेच दिया है। वहीं देश के तीन चार उद्योगपति देश की अर्थव्यवस्था हैं। जोकि आज दुनिया मे नंबर एक बिजनेसमैन हैं। उन्होंने उद्योगपतियों को निशाने पर लेते हुए कहा कि सब कह रहे हैं कि अगर आज अडानी डूबा तो देश डूब जाएगा। जरूरत है कि हमारे देश के पूंजीपति हमारे लिए काम करें, न की सरकार के लिए। उन्होंने कहा कि आज हमारी प्रति व्यक्ति आय दुनिया मे142वें नंबर पर है।
वहीं पीएम मोदी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि वह अपने परम मित्र की सारी कंपनी को क्यों बचा रही है। जब उन्हें ठेका देना होता है तो वे दूसरी कंपनी में केंद्रीय एजेंसी के छापे डलवा देते है और फिर वो कम्पनी ए 1 खरीद लेता है। उन्होंने बोला ऐसे तमाम मामले देखें गए हैं। जहां छापे पड़ते हैं, वो कंपनी ए 1 ने खरीद ली।
इसके अलावा सरकारी क्षेत्र के बैंकों को उनके यहां पैसा लगाने को मजबूर किया जाता है। जहाँ इनपर एसबीआई और एलआईसी से पैसा लगवाया गया। सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि हम पूछना चाहते हैं कि अगर अडानी की कंपनी डूबी तो एलआईसी और एसबीआई के पैसे का जिम्मेदार कौन होगा। यदि पैसा डूबा तो मेरा और आपका पैसा होगा।
इसके अलावा राष्ट्रीय प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत ने कहा कि हमारी विदेश नीति को दांव पर लगाया गया है। इसका एक उदाहरण यह है कि झारखंड में अडानी ने प्लांट लगाया, बिजली बांग्लादेश को बेच रहे हैं। सरकार ने 35 साल की लीज पर श्रीलंका के पोर्ट लिया, लेकिन अडानी को दे दिया। जबकि कोयले में मनी लांड्रिंग के आरोप लगाते हुए कहा कि 3.1 ट्रिलियन टन कोयले में खेल हुआ है।
जहाँ अडानी को जमीन केवल एक रुपये लीज पर दी। वहीं देश में एयरपोर्ट तो सरकार बनाती है और 50 साल की लीज अडानी को दिए गए। जिससे देश का 57 फीसदी कार्गो अडानी पोर्ट पर आ रहा है। साथ ही उन्होंने सेबी के जरिए भी अडानी को बचाने का आरोप लगाया। बोले इससे देश की प्रतिष्ठा खराब होती है। उन्होंने माधवी बुच के इस्तीफे की मांग की।
दूसरी तरफ, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने भी इस मौके पर कहा कि कांग्रेस सरकार में टाटा और बिरला जैसे बड़े उद्योगपति रहे, लेकिन कभी किसी को ये नहीं लगा कि सरकार का उनके प्रति कोई झुकाव है। लेकिन आज यहां आप देख सकते हैं। आईआईटी को 120 करोड़ टैक्स का नोटिस जारी हुआ है, जबकि एक बाबा को पांच साल की जीएसटी माफ कर दी गई है। इन सबको देखते हुए जनता अब गले तक भर गई है। करन माहरा ने कहा कि हम नहीं चाहते कि बांग्लादेश जैसी स्थिति यहां भी हो , इसलिए सरकार अभी सचेत हो जाएं।