प्रदेश में इस साल वनागनि की कई घटनाएं सामने आई। जिसमें कई हेक्टेयर वन भूमि को नुकसान पहुंचा। वहीं अब आगामी फायर सीजन में वनों में आग की घटनाओं से बचाने और इसके रोकथाम को लेकर जंगलात अभी से सक्रिय रूप से कार्य कर रहा है। इसे लेकर वन मुख्यालय में वनाग्नि नियंत्रण को लेकर बैठक हुई,इस दौरान अधिकारियों ने मोबाइल एप और डैश बोर्ड का इस्तेमाल के संबंध में एक प्रस्तुतिकरण दिया।
वहीं प्रमुख वन संरक्षक धनंजय मोहन ने बताया कि जंगल की आग की रियल टाइम सूचना के लिए आधुनिक माध्यमों का प्रयोग किया जाएगा। इसके लिए मोबाइल एप के माध्यम से पांच हजार वन कर्मियों और पांच हजार स्वयं सेवकों को जोड़ा जाएगा। इसके बाद इस एप के माध्यम से कोई भी व्यक्ति आग की सूचना भेज सकता है। इसकी मदद से वनाग्नि नियंत्रण के काम में मदद मिलेगी।
इसके अलावा, अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा ने बताया कि इस ऐप के माध्यम से कई तरह की जानकारी मिल सकेगी। जैसे कितनी आग की घटनाएं हैं, उसे बुझाने का रिस्पांस टाइम कितना रहा है। कहा कि इस व्यवस्था को जल्द ही पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। वहीं इस बैठक में सीसीएफ गढ़वाल नरेश कुमार, डीएफओ वैभव कुमार सिंह आदि शामिल रहे।