प्रदेश में चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियां तेज हैं। वहीं देश-दुनिया से आने वाले श्रद्धालुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए भी इंतज़ाम किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि इस यात्रा में बाहरी राज्यों के डॉक्टर भी स्वयंसेवी के रूप में अपनी सेवाएं दे सकते हैं। इस बार 10 मई से चारधाम यात्रा शुरू हो जाएगी।
वहीं इस संबंध में स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर राजेश कुमार ने सभी राज्यों के स्वास्थ्य सचिवों को पत्र लिखा है। वहीं इस साल यात्रा में रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी और चमोली जिलों के सरकारी अस्पतालों से डॉक्टरों को यात्रा ड्यूटी पर तैनात नहीं किया जाएगा। इसके लिए राजकीय मेडिकल कॉलेज व अन्य जिलों से डॉक्टरों की सेवाएं ली जाएगी।
स्वस्थ्य सचिव का चारधाम यात्रा में सेवाएं देने का आग्रह
प्रदेश मे चार यात्रा पर आने वाले श्रद्धालुओं को केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम व यात्रा मार्ग पर बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के लिए विभाग तैयारी कर रहा हैं। वहीं बताया जा रहा है कि यात्रा से पहले बदरीनाथ धाम में 50 बेड और केदारनाथ धाम में 18 बेड क्षमता का अस्पताल से शुरू हो जाएगा। साथ ही केदारनाथ व यमुनोत्री धाम के पैदल मार्ग पर जगह-जगह पर अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र बनाए जाएंगे।
इस बार यात्रा के दौरान विशेषज्ञ डॉक्टरों की सेवाओं के लिए स्वास्थ्य विभाग ने नई पहल की है, जिसमें बाहरी राज्यों से स्वयंसेवी के तौर पर डॉक्टरों की सेवाएं लेने की तैयारी की जा रही है। वहीं इसे लेकर स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों को पत्र भेजकर राजकीय मेडिकल कॉलेजों के साथ ही निजी संस्थानों के डॉक्टरों को चारधाम यात्रा में सेवाएं देने का आग्रह किया है।
यानी बाहरी राज्यों से कोई डॉक्टर स्वेच्छा से चारधाम यात्रा में सेवाएं देना चाहता है तो ऐसे डॉक्टरों की सेवाएं ली जाएगी।