पूरी दुनिया ने 2020 में कोरोना वायरस ने ऐसा आतंक मचाया कि आज भी जब लोग उस समय को याद करते हैं तो डर के सहम जाते हैं। कई लोगों ने इस वायरस के संक्रमण से मारे गए। वहीं इससे बचने के लिए कई तरह के उपाए अपनाए गए। वहीं इस नई बीमारी के अचानक हमले से रोकथाम के लिए तेजी से देश-दुनिया में वैक्सीन अभियान चलाया गया था। कहा गया कि इन वैक्सीन से कोरोना से बचाव होगा। लेकिन अब इस वैक्सीन को लेकर ऐसी खबर सामने आ रही है जिसे सुनकर सब हैरान हो गए हैं। जहाँ लोग कोरोना की वैक्सीन लगाने के बाद इससे साइड इफेक्ट के तमाम दावों कर रहे हैं इसी बीच कोविशील्ड टीका बनाने वाली कंपनी एस्ट्राजेनेका ने बड़ा खुलासा कर दिया है। इस खुलासे के बाद वो लोग परेशान हो गए हैं जिन्होंने कोविशील्ड वैक्सीन लगाई है। बताया जा रहा है कि कंपनी ने अदालत में पेश किए दस्तावेजों में पहली बार यह स्वीकार करते हुए यह कहा कि कोविड-19 वैक्सीन की वजह से खून के थक्के जमने जैसे साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं। हालांकि कंपनी ने यह भी दावा किया है कि ऐसे साइड इफेक्ट्स के मामलों की संख्या काफी कम है।
जानकारी के मुताबिक जहाँ एक तरफ कई परिवारों ने कोरोना वैक्सीन से के साइड इफेक्ट्स का आरोप लगाते हुए मुकदमा दर्ज कराया था, वहीं दूसरी तरफ अब दिग्गज दवा कंपनी ने कोर्ट में वैक्सीन के कारण गंभीर स्वास्थ्य जटिलताएं पैदा होने की बात को स्वीकार किया है। बता दे कि जैमी स्कॉट ने एस्ट्राजेनेका के खिलाफ मुकदमा दायर कर कहा था कि उन्होंने अप्रैल 2021 में कोरोना वैक्सीन की डोज ली थी, जिसके बाद से वह स्थाई मस्तिष्क क्षति से जूझ रहे हैं। जबकि जैमी स्कॉट समेत कई अन्य मरीजों से TTS के साथ थ्रोम्बोसिस नाम की दुलर्भ संकेत दिखे थे। जिसके बाद इन लोगों ने कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराते हुए मुआवजे देने की मांग की।
वहीं इस साल फरवरी में यूके कोर्ट में पेश एक कानूनी दस्तावेज़ में, कैम्ब्रिज स्थित कंपनी ने थ्रोम्बोसिस के साथ थ्रोम्बोसाइटोपेनिया सिंड्रोम (TTS) का जिक्र करते हुए ये स्वीकार किया कि उसका टीका ‘बहुत ही दुर्लभ मामलों में, टीटीएस का कारण बन सकता है। आसान शब्दों में बताए तो इससे कम प्लेटलेट काउंट घटने और खून के थक्के जमने जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
बता दे कि कोरोना महामारी में संक्रमण के रोकथाम के लिए दवा कंपनी एस्ट्राजेनेका ने ऑक्सफोर्ड के साथ मिलकर कोविड वैक्सीन बनाई थी। इसके बाद भारत में वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ने एस्ट्राजेनेका के साथ समझौता करके कोविशील्ड वैक्सीन का निर्माण किया। इस वैक्सीन की देश में लगभग आधे से ज्यादा लोगों ने डोस लगाई थी। लेकिन अब इसे बनाने वाली कंपनी ने इसके साइड इफेक्ट्स को स्वीकार करके इन लोगों की चिंता बढ़ा दी है।