राजधानी देहरादून के रेस्ट कैंप स्थित होप स्कूल में 18 बच्चों की तबीयत अचानक बिगड़ गई। बताया जा रहा है कि छात्रों को आयरन और फोलिक एसिड की दवा पिलाने से उनकी तबीयत बिगड़ी थी। दवा पीने के बाद 18 बच्चों को पेट दर्द और उल्टी की शिकायत होने लगी। उन्हे तुरंत ही दून अस्पताल लाया गया। वहीं अस्पताल में प्राथमिक उपचार होने के बाद बच्चों को घर भेज दिया गया।
जानकारी के अनुसार बता दे कि देहरादून के रेस्ट कैंप स्थित होप स्कूल में बीते 29 अप्रैल को यूपीएचसी रीठामंडी ने एक स्वास्थ्य शिविर लगाया था। इस दौरान बच्चों के स्वास्थ्य परीक्षण के साथ ही उन्हें आयरन फोलिक एसिड की दवा दी गई थी। वहीं सात मई को जब स्कूल खुला तो शिक्षकों ने बच्चों को 5-5 एमएल आयरन, फोलिक एसिड की दवा पिलाई थी। लेकिन कुछ देर बाद अचानक बच्चों को पेट दर्द और उल्टी होने लगी। जिसे देख स्कूल के शिक्षक भी घबरा गए और आनन-फानन में बच्चों को लेकर दून अस्पताल पहुंचे। वहीं इस घटना की जानकारी मिलने पर बच्चों के अभिभावक भी अस्पताल पहुंचे गए।
वहीं अस्पताल में बाल रोग विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. गौरव मुखीजा और इमरजेंसी इंचार्ज डॉ. मुकेश उपाध्याय ने इमरजेंसी में बच्चों को देखा। जहाँ डॉ. गौरव ने बताया कि बच्चों ने जरूर ही खाली पेट दवा पी। लेकिन दवा की खुराक ज्यादा नहीं थी, फिर भी खाली पेट होने की वजह से पेट में दर्द और उल्टी होने लगी। उन्होंने बताया कि किसी बच्चे को डिहाइड्रेशन की शिकायत नहीं थी। वहीं प्राथमिक उपचार के बाद ही बच्चों की तबीयत में सुधार होने लगा। जहाँ एक घंटे बच्चे डॉक्टर की देखरेख में रहे। इसके बाद घर भेज दिया गया।
वहीं दूसरी तरफ इस मामले की सूचना मिलते ही कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना, निवर्तमान मेयर सुनील उनियाल गामा, पूर्व मंत्री दिनेश अग्रवाल भी अस्पताल पहुंचे। जहाँ उन्होंने परिजनों और डॉक्टर से इस पूरी घटना की जानकारी ली।
वहीं स्कूल के शिक्षकों का इस घटना को लेकर कहना है कि बच्चों को दवा खाली पेट नहीं दी गई थी। छह साल से लेकर बारह साल तक के जो बच्चे सुबह घर से खाना खाकर आए थे सिर्फ उन्हीं को दवा पिलाई गई थी। दून अस्पताल के डॉ. गौरव मुखीजा ने बताया है कि बच्चों को डॉक्टर आयरन और फोलिक एसिड की दवा देने की सलाह देते हैं। इस दवा को खाली पेट बिल्कुल नहीं खिलानी चाहिए।