उत्तराखंड के जांबाज सैनिकों को भारत सरकार ने सम्मानित किया। बताया जा रहा है कि मेजर रविंद्र सिंह रावत के अद्वितीय साहस और अनुकरणीय नेतृत्व के लिए भारत सरकार ने उन्हें शौर्य चक्र से सम्मानित किया है। जहाँ मेजर रावत ने भारतीय सेना की 44 राष्ट्रीय राइफल्स (राजपूत) में तैनात रहते हुए बहादुरी तथा प्रेरक नेतृत्व का प्रदर्शन कर 11 सफल ऑपरेशन में भाग लिया। जबकि 28 आतंकवादियों के खात्मा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वहीं, दूसरी तरफ पैरा कमांडो मेजर दिग्विजय सिंह रावत को कीर्ति चक्र तो ग्रेनेडियर्स 55वीं बटालियन के मेजर सचिन नेगी को शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया हैं।
वहीं मूल रूप से चमोली जिले के गौचर (अंगोत) निवासी मेजर रविंद्र रावत ने 30 अगस्त 2022 को जम्मू कश्मीर के शोपिया जिले के एक गांव में तीन हथियारबंद आतंकवादियों को मार गिराया था। इस दौरान मेजर रावत गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इसके बावजूद भी उन्होंने अपने अद्वितीय साहस और अनुकरणीय नेतृत्व के दम पर आतंकवादियों को मौत के घाट उतार दिया था। बताया जा रहा है कि मेजर रावत सैनिक परिवार से है। उनके पिता बादर सिंह रावत कोर ऑफ सिग्नल्स से सेवानिवृत्त हैं। जबकि, दादा दिवंगत बालम सिंह रावत सेना से सेवानिवृत्त हुए थे। वहीं उनकी बड़ी बहन शशि रावत भी वर्तमान में आर्मी मेडिकल कोर में लेफ्टिनेंट कर्नल के पद पर सेवारत हैं।
वहीं प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी तीनों जाबांजो को बधाई और शुभकामानएं दी है।