‘Heat stroke’: प्रदेश में गर्मी का सितम जारी, हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों का इलाज प्री-फेब्रिकेटिड वार्ड में होगा…

प्रदेश में लगातार बढ़ रहा तापमान लोगों को सताने लगा है। वहीं गर्मी के सितम से लोगों का हाल बेहाल है। वहीं बढ़ती गर्मी के साथ ही दोपहर में तेज धूप और गर्म हवाएं चल रही हैं जिसके कारण लगातार हीट स्ट्रोक का खतरा बना हुआ है। वहीं इस संभावना को देखते हुए अस्पताल के प्री-फेब्रिकेटिड वार्ड को अब दुरुस्त किया जा रहा है। बताया जा रहा है कि हीट स्ट्रोक से संबंधित मरीज को प्री-फेब्रिकेटिड वार्ड में भर्ती कर उनका उपचार यही किया जाएगा।

जानकारी के अनुसार पिछले कई दिनों से क्षेत्र में गर्म हवाएं चलने की वजह से अस्पताल में हीट स्ट्रोक के मरीज आ रहे हैं। हालांकि अब तक हीट स्ट्रोक का कोई गंभीर मामला नही हुआ है, वहीं ज्यादातर मरीजों में हीट स्ट्रोक के लक्षण दिखे हैं। वहीं प्रदेश में जिस तरह से लगातार लू चल रही है।और हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ता जा रहा है उसको देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों के उपचार को बेहतर व्यवस्था किए जाने के निर्देश दिए हैं।

वहीं इसको लेकर सिविल अस्पताल रुड़की के सीएमएस डॉ. संजय कंसल ने बताया कि हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों के उपचार की पूरी व्यवस्था है। हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों को ठंडे वातावरण की आवश्यकता रहती है। इसलिए उन्होंने प्री-फेब्रिकेटिड वार्ड में हीट स्ट्रोक से पीड़ित मरीजों को भर्ती करने के लिए कहा है। वहीं अब इसके लिए वार्ड की व्यवस्थाओं को दुरुस्त किया जा रहा है। जहाँ 40 बेड का यह प्री-फेब्रिकेटिड वार्ड पूरी तरह से वातानुकूलित है।

बता दे कि जब कोरोना की दूसरी लहर आई थी तब मरीजों के लिए बेड कम पड़ गए थे। और सभी अस्पताल में मरीजों के लिए बेड तक नहीं मिल पा रहे थे। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार की ओर से अस्पताल भवन की छत पर 40 बेड का प्री-फेब्रिकेटिड वार्ड बनवाया गया था। वहीं इन वार्ड को बने हुए करीब दो साल हो गए, लेकिन वार्ड का संचालन अभी शुरू नहीं हो पाया है। बताया जा रहा है कि ये वार्ड पूरी तरह से वातानुकूलित होने के साथ ही बड़े अस्पतालों की तर्ज पर बनाए गए है।

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