उत्तराखंड में जहाँ चारधाम यात्रा के लिए तैयारियां जोरों पर हैं तो वहीं दूसरी तरफ सिखों के विश्वप्रसिद्ध हेमकुंड साहिब के आस्था पथ से बर्फ हटाने का काम जारी है। वहीं इसी कड़ी में आज गुरुवार को सेना और गुरुद्वारा ट्रस्ट के सेवादार बर्फ के बीच में से रास्ता बनाते हुए श्री हेमकुंड साहिब की पवित्र भूमि पर पहुंच गए। यहाँ पहुँचने के बाद सेना के 35 सदस्य एवं ट्रस्ट के 15 सेवादारों की मौजूदगी में अरदास करने के उपरांत गुरुद्वार प्रांगण के मुख्य द्वार को खोला दिया गया।
वहीं अब गुरुद्वारे का मुख्य द्वार खुलने के साथ ही हेमकुंड साहिब से नीचे की और मार्ग पर बर्फ हटाने का कार्य शुरू भी शुरू हो गया है। बताया जा रहा है कि प्रदेश में मौसम साफ होते ही सेना के जवानों और गुरुद्वारे के सेवादारों ने हेमकुंड साहिब के आस्था पथ से बर्फ हटाने का काम कर रहे थे। जहाँ हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग घांघरिया से दो किमी आगे अटलाकोटी ग्लेशियर प्वाइंट तक बर्फ से ढका हुआ है।
बताया जा रहा है कि सेना के जवान और सेवादार रविवार को गोविंदघाट से घांघरिया के लिए रवाना हुए थे। जहाँ सोमवार से उन्हे बर्फ हटाने का काम शुरू करना था, लेकिन मौसम खराब होने के कारण काम नहीं हो पाया। फिर मंगलवार को मौसम साफ रहा। जिसके बाद सेना के जवानों और सेवादारों ने पहले मार्ग का निरीक्षण किया और फिर बर्फ हटाने का काम शुरू किया।
वहीं आज को सेना के जवान हेमकुंड साहिब के दरबार में पहुंच गए हैं। मुख्य द्वार खोलने के बाद नीचे की और मार्ग पर बर्फ हटाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। बता दे कि हेमकुंड साहिब की यात्रा 25 मई से शुरू होने वाली है।