प्रदेश में 10 मई को केदारनाथ धाम के कपाट खुलने के साथ ही चारधाम यात्रा शुरू हो गई है। वहीं इस दौरान सीएम धामी भी मौजूद रहे। लेकिन केदारनाथ धाम में वीआईपी दर्शन पर कांग्रेस ने सवाल उठाया। वहीं अब इसको लेकर भाजपा ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा, बाबा केदारनाथ के कपाट खुलने के अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी वहां मुख्य सेवक के रूप में गए हैं। जिसमें कुछ गलत नहीं है।
वहीं कांग्रेस के सवाल का जवाब देते हुए प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने कहा कि खुद को मुख्य सेवक कहने वाले सीएम वीआईपी नहीं प्रदेश के मुखिया के तौर पर गए। वहीं इस तरह मुख्यमंत्री की सुलभता और सहजता को वीआईपी कल्चर से जोड़ना हास्यास्पद है। साथ ही उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा प्रदेश की आर्थिकी की रीढ़ है। वहीं इसके बाद भी भाजपा सरकार ने ही धामों में सुगम और सुलभ दर्शन के लिए शुरुआती 15 दिन वीआईपी दर्शनों से परहेज को सभी राज्यों को पत्र लिखा था। जिसके पीछे एक सकारात्मक संदेश था।
लेकिन पूर्व में कांग्रेसी सरकारों में वीआईपी संस्कृति का बोलबाला रहा। और अब भाजपा काल में धामों में बुनियादी सुविधाओं से लेकर कनेक्टिविटी तक की व्यवस्थाओं को चाक चौबंद किया गया। मनवीर चौहान ने कहा कि कांग्रेस विकास के हर मुद्दे पर राजनीति करती आई है, उसे विकास कार्यों से कोई लेना-देना नहीं है।