प्रदेश में भारी बारिश के चलते पहाड़ी क्षेत्र में कई मार्ग बंद हैं। वहीं कोटाबाग गांव का संपर्क मार्ग भी बीते 18 दिनों से बंद पड़ा है। जहाँ एक पिता को इलाज के लिए अपनी बेटी को पीठ पर रखकर 22 किमी पैदल लाना पड़ा। बताया जा रहा है कि यह मामला कोटाबाग ब्लॉक के अंतर्गत जलना गांव का है। यह देवीपुरा-सौड़ मार्ग 18 दिनों से बंद है। जोकि क्षेत्र के 25 गांवों को ब्लॉक मुख्यालय से जोड़ने वाला एकमात्र संपर्क मार्ग है। वहीँ इस मार्ग के बंद होने से सबसे ज्यादा परेशानी गांवों के किसानों और मरीजों को उठानी पड़ रही है।
यहाँ पर लोगों को किसी की तबीयत खराब होने पर मरीज को डोली में रखकर ब्लॉक मुख्यालय तक लाना पड़ रहा है। इसी के चलते जलना गांव निवासी वीर सिंह रावत की बेटी ज्योति के पैर में गंभीर चोट लगने के बाद उसे अस्पताल तक लाने में उन्हें काफी जद्दोजहद करनी पड़ी। क्योंकि देवीपुरा-सौड़ मार्ग बंद था जिस कारण वीर सिंह रावत अपनी बेटी को पीठ पर रखकर 22 किमी पैदल चलकर कोटाबाग तक लाना पड़ा। जहाँ उन्होंने अस्पताल पहुंचकर बेटी का इलाज कराया।
आपको बता दे कि कोटाबाग का जलना गांव समेत आसपास का पर्वतीय क्षेत्र अपनी उन्नत कृषि के लिए जाना जाता है। यहां पर अदरक, मटर, धनिया, गहत आदि की फसल बहुतायत में और जैविक तरीके से की जाती है। लेकिन बीते 18 दिनों से मार्ग बंद होने के कारण किसानों की फसल (अदरक और धनिया) बाजार तक नहीं पहुंच पा रही है। जहाँ कुछ किसान घोड़ों की मदद से फसल को बाजार तक पहुंचा रहे हैं लेकिन ज्यादातर किसानों की फसल खेतों में ही खराब हो रही है। जिस वजह से किसानों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है।