उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शनिवार को नई दिल्ली में हुई नीति आयोग की बैठक में शामिल हुए। इस मीटिंग के दौरान सीएम धामी ने हिमालयी राज्यों के लिए विशिष्ट नीति बनाने की वकालत की। उन्होंने कहा कि हिमालयी राज्यों की विशिष्ट भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए केंद्र सरकार को विकास से जुड़े प्रस्तावों के लिए विशेष नीतियां बनानीं चाहिए।
शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की बैठक हुई। जिसमें मुख्यमंत्री धामी ने ऊर्जा की कमी को पूरा करने के लिए हिमालयी राज्यों को 25 मेगावाट से कम क्षमता की जल विद्युत परियोजनाओं की मंजूरी और उन्हें लगाने की अनुमति देने का अनुरोध भी किया। जिसको लेकर उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के राज्यों के साथ ही हिमालयी राज्यों में भी लघु जल विद्युत परियोजनाओं के निर्माण के लिए प्रस्तावित 24 प्रतिशत कैपिटल सब्सिडी लागू की जाए।
इसके अलावा सीएम ने कहा कि हमें ग्लोबल वार्मिंग तथा क्लाईमेट चेंज जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर भी विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। जहाँ उत्तराखंड सरकार भी ईकोलॉजी और ईकोनॉमी के समन्वय से विकास योजनाओं को संचालित करने पर विशेष ध्यान दे रही है। उन्होंने बताया कि राज्य में जीडीपी की तर्ज पर जीईपी जारी करने की शुरुआत की गई है। वहीं उत्तराखंड आपदा की दृष्टि से भी अति संवेदनशील राज्य है।
इसलिए, केंद्रीय बजट में विशेष वित्तीय प्रावधान करने पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करते हुए सीएम धामी ने कहा, हाल ही में सतत विकास लक्ष्य सूचकांक में उत्तराखंड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया है, जो राज्य के लिए गर्व का विषय है। जबकि राज्य ने प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में समान नागरिक संहिता विधेयक को उत्तराखंड में पारित किया है।
वहीं, बैठक में सीएम धामी ने हिम आधारित नदियों को वर्षा आधारित नदियों से जोड़ने की परियोजना के लिए और राज्य में इंक्यूबेशन केंद्र स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार से तकनीकी और वित्तीय सहयोग देने का अनुरोध किया। इसके अलावा देश के कई शहरों के बीच काउंटर मैग्नेट एरियाज विकसित करने की वकालत भी की।