Ratan Tata Death: देश ने खो दिया अनमोल ‘रतन’..! रतन टाटा के निधन से सदमें में छाया देश, सादगी ही थी उनकी पहचान…

देश को बुधवार रात ऐसी हानि हुई जिसकी पूर्ति कोई नही कर सकता हैं। भारत के सबसे बड़े उद्योगपति रतन टाटा ने बीती रात 86 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया। वहीं उनके निधन के बाद से ही देशभर में मातम छाया हुआ है। पद्म विभूषण से सम्मानित हुए रतन टाटा जी भले ही देश – दुनिया के बड़े उद्योगपति रहे, लेकिन उनकी सादगी और अपनेपन का भाव उनकी एक अलग पहचान रहा। यहीं वजह है कि आज देश का बड़े से लेकर हर छोटा आदमी उनकी मौत की खबर सुन सदमें में हैं।

देश के लिए रतन टाटा एक अनमोल रतन की तरह ही थे। उनके कार्यों और उनकी दूरदृष्टि विचार देश में कई बदलाव का कारण बने। उन्होंने हर तबके के लोगों को अपने काम के साथ जोड़ा और उनके लिए काम किया। उनकी 30 से ज्यादा कंपनियों के मालिक होने के बावजूद भी वे सादगीपूर्ण जीवन जीना पसंद करते थे।

जानकारी के अनुसार रतन टाटा जी को जानवरों और खासकर कुत्तो से बहुत प्यार था। उनकी दरियादिली सबके लिए बराबर थी। कोरोनाकाल में भी उन्होंने पीएम फंड में 500 करोड़ डोनेट किए थे। इतने बड़े उद्योगपति होने के बावजूद भी उन्होंने शादी नही की थी।

आपको बता दे कि रतन टाटा नवल टाटा जमशेदजी टाटा के परपोते थे, टाटा समूह की स्थापना इन्होंने ही की थी। भारत के लिए एक रतन के रूप में 28 दिसंबर, 1937 को मुंबई में नवल टाटा और सूनी टाटा के घर रतन टाटा का जन्म हुआ था। हालांकि, 1948 में उनके माता-पिता किसी कारणवश अलग हो गए, जिसके बाद उनका पालन-पोषण उनकी दादी नवाजबाई टाटा ने किया। वहीं उनकी शादी को लेकर जब एक बार सवाल किया गया तो उन्होंने उन्होंने एक बताया था कि लॉस एंजिल्स में काम करने के दौरान उन्हें एक लड़की से प्यार हो गया था। लेकिन उस समय 1962 में भारत-चीन युद्ध चल रहा था, जिस कारण लड़की के माता-पिता ने उसे भारत देने से मना कर दिया। वहीं इसके बाद रतन टाटा जी ने कभी शादी नही की। उन्होंने अपने कंपनी और उसके कर्मचारियों को ही अपना परिवार मान लिया। इसके बाद वह लोगों के लिए काम करते रहे और एक सादगी भरा जीवन यापन किया।

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