प्रदेश में गर्मियों में बिजली आपूर्ति एक बड़ी चुनौती बन जाती हैं। वहीं अब केंद्रीय कोटे की बिजली में कमी आने से राज्य में बिजली की कमी पैदा हो गई है। हालांकि, यूजेवीएनएल का उत्पादन तो ठीक है लेकिन केंद्रीय कोटे की बिजली आपूर्ति में कमी आ गई है। जिसके कारण वर्तमान में प्रदेश में 5.4 करोड़ यूनिट के बजाय 3.9 करोड़ यूनिट बिजली ही उपलब्ध है। वहीं इसके चलते अब बाजार से रोजाना करीब 1.1 करोड़ यूनिट बिजली खरीदनी पड़ रही है।
जानकारी के अनुसार, इस साल गर्मियों के सीजन में प्रदेश में बिजली की मांग 6.4 करोड़ तक पहुंची। फिर भी यूपीसीएल लगभग पूरी आपूर्ति करने में कामयाब रहा। लेकिन अब बरसात शुरू होने के साथ राज्य में बिजली की मांग गिरकर 5.4 करोड़ यूनिट तक हुई तो इसके सापेक्ष बिजली की उपलब्धता भी घटकर 3.9 करोड़ यूनिट तक आ गई। जिस वजह से यूपीसीएल को रोजाना बाजार से करीब 1.1 करोड़ यूनिट बिजली खरीदनी पड़ रही है।
इसी को लेकर यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने बताया कि देश में करीब 75 प्रतिशत बिजली उत्पादन कोयला आधारित संयंत्रों से होता है,जोकि बरसात के दिनों में बारिश से प्रभावित हो जाता है। साथ ही बताया कि यूजेवीएनएल से तो करीब दो करोड़ यूनिट बिजली मिल रही है लेकिन केंद्रीय पूल की बिजली 2.5 करोड़ से घटकर 1.8 करोड़ यूनिट हो गई है।
इसके कारण कुल उपलब्धता प्रभावित हो रही है। हालांकि फिर भी आपूर्ति पूरी की जा रही है। उन्होंने कहा कि अभी कहीं भी घोषित या अघोषित बिजली कटौती नहीं की जा रही है।