Uttarakhand Forest Fire : बिनसर अभयारण्य वनाग्नि में झुलसे पीआरडी जवान की दिल्ली एम्स में हुआ निधन, अब तक छह की मौत

उत्तराखंड में इस साल जंगल की आग ने खूब कहर बरपाया। जिससे कई हजार हेक्टेयर वन क्षेत्र को नुकसान पहुंचा। वहीं वनागनि से कई लोगों की जान भी चली गई। इसी कड़ी में अब 18 दिन पहले बिनसर अभयारण्य में लगी आग की चपेट में आकर पीआरडी जवान कुंदन नेगी (44) झुलस गए थे। जिनको भी दिल्ली एम्स में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। लेकिन उनकी भी अब मौत हो गई है। उनके बारे में डीएफओ सिविल सोयम हेम चंद्र गहतोड़ी ने बताया कि वह 50 प्रतिशत से अधिक झुलस गया था। एम्स में चिकित्सकों के लगातार प्रयास के बाद भी उनकी जान नहीं बच पाई। वहीं अब बिनसर में हुई घटना में मरने वालों की संख्या छह हो गई है। जबकि जिले में जंगल की आग की चपेट में आकर 11 लोगों की मौत हो चुकी है।

जानकारी के लिए बता दें बीते 13 जून को बिनसर अभयारण्य में भीषण आग लग गई थी। जहाँ मौजूद वन कर्मी आग बुझाने के लिए मौके पर दौड़ पड़े थे। लेकिन इस दौरान वन बीट अधिकारी त्रिलोक सिंह मेहता, फायर वॉचर करन आर्या, वन श्रमिक दीवान राम और पीआरडी जवान पूरन सिंह की जिंदा जलने से मौके पर ही मौत हो गई थी। वहीं इस वनागनि में फायर वॉचर कृष्ण कुमार, पीआरडी जवान कुंदन नेगी, वाहन चालक भगवत सिंह और वन श्रमिक कैलाश भट्ट बुरी तरह झुलस गए थे।

जिसके बाद इन सभी को उपचार के लिए दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। जहां घटना के छठे दिन फायर वॉचर कृष्ण कुमार की मौत हो गई। वहीं अब 18 दिन बाद पीआरडी जवान भैंसियाछाना के खाकरी निवासी कुंदन नेगी की भी मौत हो गई है।

हालांकि, अभी भी दो अन्य वन कर्मी जीवन और मौत से जंग लड़ रहे हैं। कुंदन नेगी को लेकर डीएफओ हेम चंद्र गहतोड़ी ने बताया कि रविवार तड़के तीन बजे करीब उसकी मौत की सूचना मिली। वहीं अब दिल्ली से उनका शव देर रात या सोमवार सुबह तक उनके पैतृक गांव पहुँच जाएगा।

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