उतराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) को रविवार यानी 15 सितंबर को राज्यपाल पद पर कार्यरत हुए पूरे तीन साल हो जाएंगे। वहीं वे प्रदेश में ड्रग्स के बढ़ते खतरे को लेकर बेहद चिंतित हैं। इसलिए वह इस खतरे के खिलाफ निर्णायक जंग छेड़ने के पक्ष में हैं। इसी कड़ी में अब उन्होंने एक पहल करने का फैसला किया है। इसके लिए जनभागीदारी से वह निर्णायक जंग को मुकाम तक पहुंचाने की उनकी चाहत है।
बता दे कि राज्यपाल गुरमीत सिंह का कहना है कि अब नशा मुक्त अभियान को और प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया जाएगा। जहाँ कल 15 सितंबर को राज्यपाल पद पर तीन साल का कार्यकाल पूरा करने जा रहे है। वहीं राज्यपाल के पास एक शानदार अनुभव है। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान राजभवन से जो नई पहल की , उनमें से खासतौर पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अनूठी पहल मानी गई।
वहीं इन कार्यों में विभिन्न संस्थाओं से मिले सहयोग से वह बेहद उत्साहित और प्रसन्न हैं। इसलिए अब उन्होंने राज्य के सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विकास के लिए भावी एजेंडा तय किया है। बता दे कि शुक्रवार को राजभवन में मीडियाकर्मियों से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा, कि उत्तराखंड को नशामुक्त बनाने के लिए जनजागरूकता और जनसहभागिता जरूरी है और इसके लिए राजभवन प्रभावी ढंग से कार्य करेगा।
गौरतलब, राज्यपाल ले. जनरल गुरमीत सिंह ने 15 सितंबर 2021 को राजभवन की कमान संभालने के बाद पूरे प्रदेश का दौरा किया। इस दौरान वह सीमांत जिले चमोली, पिथौरागढ़ की धारचूला, नबिढांग, ज्योलीकांग, मलारी आदि में बनी सेना की अग्रिम चौकियों तक गए और वहां प्रवास किया। इसके अलावा राज्यपाल 51 में 18 वाइब्रेंट गांवों का भी दौरा कर चुके हैं।