प्रदेश के सरकारी स्कूल, काॅलेजों में छात्राओं से छेड़छाड़ के मामलों पर सरकार ने सख्ती दिखाई हैं। जिसके लिए अब सरकार बड़ा कदम उठाने जा रही है। स्कूलों- कॉलेजों में इस तरह के प्रकरणों को रोकने के लिए अब एसओपी तैयार हो रही है। वहीं, शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान ने बताया कि ऐसे प्रकरणों में शिक्षकों को अभी सिर्फ निलंबित किया जाता रहा है लेकिन अगर जांच में मामला सही पाया गया तो अब उन्हें बर्खास्त किया जाएगा।
बता दे कि, प्रदेश के बेसिक और माध्यमिक शिक्षा के तहत 16500 से अधिक स्कूल, कालेज हैं। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पिछले कुछ वर्षों में कुछ विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा छात्राओं के साथ छेड़छाड़ करने के प्रकरण सामने आ रहे हैं। जबकि, कई जगह शिक्षक के स्कूल में नशा करने या फिर नशा करके आने की शिकायतें भी विभाग को लगातार मिल रही हैं। इसी के मद्देनज़र सरकार ने इसे गंभीरता से लिया है। वहीं अब ऐसे शिक्षकों और कर्मचारियों को अब बर्खास्त किया जाएगा।
गौरतलब, हाल ही में अल्मोड़ा जिले के एक सरकारी स्कूल में इस तरह के मामले आने के बाद संबंधित अतिथि शिक्षक की सेवा समाप्त कर दी गई हैं। वहीं अब नियमित शिक्षकों के मामले में भी इसी तरह की कार्रवाई होगी। शिक्षा महानिदेशक झरना कमठान के बताया कि शिक्षा मंत्री के निर्देश के बाद इसके लिए एसओपी तैयार की जा रही है। इसमें प्रारंभिक शिक्षा और माध्यमिक शिक्षा निदेशक एसओपी तैयार कर रहे हैं। जब एसओपी तैयार हो जाएगी तो इसके बाद प्रस्ताव को कैबिनेट में लाया जाएगा।
वहीं शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि प्रदेश में स्कूल, कालेजों में छात्राओं से छेड़छाड़ के मामलों को रोकने के लिए सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है। जल्द ही अब इसके लिए एसओपी जारी की जाएगी।