प्रदेश में चारधाम यात्रा शुरू हो चुकी हैं। वहीं यात्रा में इस बार प्रशासन को व्यवस्थागत चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। वहीं इसके बीच पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत का एक बयान सामने आया है। जिसमें वे यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा के लिए एक नियामक एजेंसी बनाने की वकालत कर रहे है। वहीं चुनाव में पुलिस और प्रशासन के अफसरों की व्यस्तता को लेकर उन्होंने कहा कि, ऐसा कहकर प्रशासन अपनी नाकामी न छुपाएं। इस तरफ की बात प्रशासन के मुंह से शोभा नहीं देती। कहा कि चुनाव तो 19 अप्रैल को संपन्न हो गए थे।
जानकारी के अनुसार मीडिया से बातचीत के दौरान पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने अपनी सरकार में देवस्थानम बोर्ड गठन की खूबी गिनाते हुए कहा,कि सड़क, हवाई और रेल कनेक्टिविटी में काफी सुधार के बाद हमारा अनुमान था कि 2025 तक राज्य में एक करोड़ से अधिक यात्री चारधाम यात्रा में आएंगे। जिसकी पूरी संभावना को देखते हुए ही हमने देवस्थानम बोर्ड बनाने का निर्णय लिया था। लेकिन उस समय ऐसे कई लोग थे जिन्होंने देवस्थानम बोर्ड का विरोध किया और वहीं आज वे कह रहे हैं कि हमसे गलती हो गई।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि वर्तमान में जिस बड़ी तादाद में श्रद्धालु उत्तराखंड पहुंच रहे हैं,इसे देखते हुए उत्तराखंड सरकार की यह जिम्मेदारी है कि वह एक ऐसी नियामक एजेंसी बनाए जो त्वरित निर्णय ले सके। उन्होंने कहा कि “मेरे मानना है कि आलोचनाओं से घबराना नहीं चाहिए। कहा, शुरुआत में थोड़ा-बहुत लोग बुरा मानते हैं, लेकिन यह कुछ समय के लिए होता है। बाद में स्थितियां सामान्य हो जाती हैं।”
वहीं देश-दुनिया का हिंदू उत्तराखंड आता है। सभी यात्रियों की सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी है। इसलिए हमारी तैयारी होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस दृष्टि से ही हमने देवस्थानम बोर्ड का गठन किया था। और इसका निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया था।
इसके अलावा उन्होंने कहा कि आज वास्तव में ऐसी एजेंसी की जरूरत है। हमारे यहां यात्रा सीजन है। और श्रद्धालुओं की संख्या में वृद्धि होगी, हमने पहले से ही कल्पना कर ली थी। और इसके स्पष्ट कारण यह है कि प्रधानमंत्री का समय-समय पर बदरी-केदार के दर्शन के लिए आते हैं, परिवहन सुविधाओं का विस्तार, अच्छी सड़कें, हेलिकॉप्टर सेवा, देहरादून के लिए देशभर से हवाई सेवाएं, रेल कनेक्टिविटी और लोगों में लगातार बढ़ती आस्था को देखते हुए 2025 तक यात्रियों की संख्या एक करोड़ के पार पहुंच जाएगी। और आज इसी दिशा में सब नज़र आ रहा है इसलिए अब समय आ गया है कि दूरगामी सोच के साथ निर्णय लेना चाहिए।