Uttarakhand News : पूर्व सीएम हरीश रावत ने आम दावत पर उठे सवाल पर दिया जवाब, बोले- “आम मैंने खाया और राजनीतिक मुंह पके के बीमार कुछ और लोग हो गए”…

प्रदेश के पूर्व सीएम हरीश रावत हाल में भाजपा नेता पूर्व सीएम और सांसद त्रिवेंद्र रावत की आम दावत में शामिल हुए थे। जिसके बाद कांग्रेस के नेताओं ने सवाल उठाए। वहीं अब कांग्रेसियों के सवाल उठाने पर हरीश रावत ने पलटवार किया। उन्होंने कहा कि, आम मैंने खाया और राजनीतिक मुंह पके के बीमार कुछ लोग हो गए।हरदा ने कांग्रेस नेताओं को जवाब देते हुए कहा कि मैंने दिन के उजाले में आम खाया है। मैं रात के अंधेरे में अपना या अपने करीबियों का क्रैशर बचाने के लिए मुख्यमंत्री के पास नहीं गया।

आपको बता दे कि हरिद्वार के सांसद और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हाल में ही अपने डिफेंस कालोनी स्थित आवास पर आम दावत दी थी। जिसमें शामिल होने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत त्रिवेंद्र रावत के घर पहुंचे। दोनों ने एक साथ आम का स्वाद चखा। वहीं यह देख कांग्रेस नेता पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत और रंजीत रावत ने भी तंज कसा। उन्होंने कहा कि पार्टी प्रत्यसियों का मनोबल टूट जाता हैं जब पार्टी के नेता विपक्ष से मिलते हैं। साथ ही भाजपा से अच्छे संबंध बनाए रखने की बात कहीं।

इन सभी सवालों का कांग्रेसियों पर पलटवार करते हुए पूर्व सीएम हरदा ने कहा, “राजनीतिक की भी कैसी माया है। आम मैंने खाया और राजनीतिक मुंह पके के बीमार कुछ और लोग हो गए।” वहीं हरदा ने हरक सिंह का नाम लिए बिना ये कहा कि, मैंने लोकसभा के चुनाव में चुप्पी साधने का किसी को वचन दिया। उन्होंने कहा कि राजनीति के अंदर राजनीतिक सौहार्द और शिष्टाचार को आगे बढ़ाने की पहल मैं नहीं करूंगा तो फिर इस राज्य के अंदर उस व्यक्ति का नाम बताइए जो यह पहल करेगा।

यहाँ एक-दो ही लोग हैं, जिनको इस तरीके की पहल प्रारंभ करनी चाहिए और दोनों तरफ से करनी चाहिए। हरदा ने कहा कि राजनीति सिद्धांतों, विचारों और परिश्रम का खेल है। वहीं “मैं उन लोगों से सीख नहीं लेना चाहूंगा, जिन लोगों ने विस चुनाव से पूर्व हुए सल्ट के उप चुनाव में पार्टी उम्मीदवार के खिलाफ खुलेआम काम कर कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं का अपमान किया था।

इसके अलावा कहा कि” मैं तो 57 साल से कांग्रेस की राजनीति में एकनिष्ठ भाव से एक ही स्थान पर खड़ा हूं। वहीं जो स्थान बदलने के विषय में माहिर हैं, उनके बारे में कहा नहीं जा सकता कि आज कहां हैं और कल कहां होंगे।” अंत में उन्होंने कहा कि इसलिए ऐसे लोग मुझे पार्टी की निष्ठा के संबंध में उपदेश न दें तो अच्छा रहेगा।

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