उत्तराखंड में सरकार महिला सशक्तिकरण और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के लिए कार्य कर रही हैं। इसी क्रम में अब प्रदेश में मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना इसी साल लागू किया जाएगा। बताया जा रहा है कि सरकार की इस योजना के तहत 95 विकासखंडों में उन एकल महिलाओं को स्वरोजगार शुरू करने में वित्तीय सहयोग दिया जाएगा, जो तलाकशुदा,
विधवा, परित्यक्ता, किन्नर व एसिड हमलों से पीडि़त हैं। वहीं इस योजना के लिए 10 करोड़ की धनराशि निर्धारित की गई है। जोकि आबकारी विभाग से प्राप्त होने वाले अतिरिक्त शुल्क से मिलेगी।
इसी को लेकर मंगलवार को कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित उपसमिति की बैठक हुई। इस दौरान योजना के सभी पहलुओं पर विचार किया गया। साथ ही यह तय हुआ कि उप समिति की आगामी बैठक में योजना के ड्राफ्ट को अंतिम रूप देने के बाद इसे शासन में भेजा जाएगा। इस मौके पर मंत्री प्रेमचंद ने अग्रवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना प्रदेश के सभी जिलों में लागू की जाएगी। इसके अंतर्गत हर ब्लाॅक की एकल महिलाओं (विधवा, तलाकशुदा, परित्यक्ता, किन्नर, अपराध एवं एसिड हमलों से पीड़ित महिला) को योजना में शामिल किया जाएगा।
बताया जा रहा है कि विधानसभा सभागार में वित्त मंत्री प्रेम चन्द अग्रवाल की अध्यक्षता में मुख्यमंत्री एकल महिला स्वरोजगार योजना के क्रियान्वयन के लिए गठित मंत्री मंडलीय उप समिति की यह पहली बैठक हुई है।
वहीं जानकारी के अनुसार इस योजना को 18 से 50 आयुसीमा वाली एकल महिलाओं के लिए निर्धारित किया गया है। इसमें स्वरोजगार के तहत कृषि, बागवानी, पशुपालन, कुक्कुट पालन, भेड़ पालन, बकरी पालन, उद्यान, बुटीक, टेलरिंग, जनरल स्टोर, टिफिन सेवा, कैंटीन, कैटरिंग, प्लम्बर, इलेक्ट्रिशियन, डाटा एंट्री कार्य, कम्प्यूटर हार्डवेयर रिपेयरिंग, टेली काॅलिंग आदि जैसे कार्यों को जोड़ा है।
इस बैठक में सदस्य सचिव, उप समिति चंद्रेश कुमार यादव, निदेशक, उप समिति, प्रशान्त आर्य आदि शामिल रहे।