राज्य सचिवालय में आज सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) सूचकांक की समीक्षा बैठक हुई। इस बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने अफसरों को प्रदेश में शिक्षा से वंचित दिव्यांग बच्चों की गणना करने के निर्देश दिए। साथ ही स्कूलों में दिव्यांग बच्चों को पढ़ाने के लिए प्रशिक्षित शिक्षकों की व्यवस्था भी किए जाने को कहा।
वहीं इस विषय में राष्ट्रीय दृष्टि बाधितार्थ संस्थान (एनआईवीएच) सहित देश के चार प्रमुख राष्ट्रीय संस्थानों की मदद लेने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रसव पूर्व देखभाल के लिए तैनात एएनएम के भ्रमण की ट्रैकिंग की जाए।
इस समीक्षा बैठक में उन्होंने टोल फ्री नंबर 104 से ट्रैकिंग प्रणाली को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया। उन्होंने हरिद्वार एवं ऊध सिंह नगर में मातृ मृत्यु दर को कम करने पर विशेष प्रयास करने की बात कहीं। साथ ही कहा कि इन दोनों जिलों की रैंकिंग में सुधार की आवश्यकता महसूस की जा रही है।
इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग को प्रदेशभर में गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग, एएनसी, एनीमिया की स्थिति पर गैर सरकारी स्वास्थ्य संगठनों के साथ कार्य करने के लिए जल्द एक एक्शन प्लान बनाने के निर्देश दिए।
दूसरी तरफ, इस दौरान मुख्य सचिव ने श्रम विभाग को निर्देश देते हुए कहा, वह निजी क्षेत्र में प्रबंधकीय पदों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लक्ष्य के संबंध में सर्वेक्षण कर डेटा एकत्रित करें। जिसमें विभाग को नोडल बनाया गया। जबकि महिलाओं के प्रति घरेलू हिंसा के मामलों को लेकर पुलिस विभाग को महिला हेल्प डेस्क पर आने वाली प्रताड़ित महिलाओं को सेफ हाउस में रखने और उनके अभिभावकों की काउंसलिंग की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं।
इस बैठक में सचिव आर मीनाक्षी सुंदर, डॉ. आर राजेश कुमार सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी शामिल रहे।