प्रदेशों में शीतकाल में भी चारधामों की यात्रा शुरू करने की हिदायत चल रही है। वहीं अब गद्दी स्थलों पर शीतकालीन यात्रा को बढ़ावा देने के लिए ज्योति पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज के सानिध्य में 16 दिसंबर से शीतकालीन पूजा स्थल तीर्थयात्रा शुरू होने वाली है। बता दे कि सात दिन की होने वाली इस यात्रा का समापन 22 दिसंबर को शंकराचार्य आश्रम हरिद्वार में होगा।
जानकारी के अनुसार, ज्योतिर्मठ यात्रा सेवालय की ओर से शुक्रवार को यात्रा की तैयारी को लेकर वर्चुअल बैठक हुई। जहाँ ज्योतिर्मठ प्रभारी ब्रह्मचारी मुकुंदानंद ने बताया कि शीतकालीन यात्रा के लिए 30 नवंबर शनिवार से पंजीकरण प्रारंभ होगा, जोकि 10 दिसंबर तक चलेगा। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों से आने वाले तीर्थयात्री इसी समय अपना पंजीकरण ज्योतिर्मठ सेवालय में कर सकते हैं।
बता दे कि, इस बैठक का संचालन डॉ. बृजेश सती ने किया। साथ ही बैठक में चारधाम तीर्थ पुरोहित महापंचायत के अध्यक्ष व गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव सुरेश सेमवाल, यमुनोत्री तीर्थ पुरोहित महासभा अध्यक्ष पुरुषोतम उनियाल, ब्रह्म कपाल तीर्थ पुरोहित पंचायत समिति अध्यक्ष उमेश सती, केदारसभा अध्यक्ष राजकुमार तिवारी, ज्योतिर्मठ प्रबंधक विष्णु प्रिया नंद मौजूद रहे।
इसके अलावा, शीतकालीन यात्रा का कार्यक्रम 16 दिसंबर शुरू होगा, जहाँ सबसे पहले तीर्थयात्रियों का दल हरकी पैड़ी में गंगा-पूजन के बाद मां यमुना के शीतकालीन पूजा स्थल खरसाली पहुंचेगा। वहीं फिर 17 दिसंबर को धनारी में रात्रि विश्राम होगा। इसके बाद 18 को यात्रा दल मां गंगा के शीतकालीन पूजा स्थल मुखवा पहुंचेगा। अगले दिन 19 दिसंबर को केदारनाथ शीतकालीन पूजा स्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में पूजा अर्चना होगी, फिर 20 को यात्रा नृसिंह मंदिर ज्योतिर्मठ और पांडुकेश्वर के बाद रात्रि प्रवास ज्योर्तिमठ में करेगा। अंत में यात्रा दल कमलेश्वर मंदिर में दर्शन के बाद शंकराचार्य आश्रम पहुंचेगी। जहां 22 दिसंबर को यात्रा का विधिवत समापन होगा।