प्रदेश में सहायक अध्यापक एलटी के लिए अच्छी खबर हैं। बता दे कि इनके अंतरमंडलीय तबादले टल गए हैं यानी इस साल तबादले नहीं होंगे। यह निर्णय उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाओं को देखते हुए लिया गया है। वहीं, शिक्षा सचिव रविनाथ रामन का कहना है कि तबादलों के लिए नए सिरे से एसओपी जारी की जाएगी। जबकि, मंडल में तबादले अब तबादला एक्ट के तहत ही होंगे। इसके लिए फिर से शिक्षकों से आवेदन मांगे जाएंगे।
बता दे कि शिक्षा विभाग में सहायक अध्यापक एलटी का मंडल कैडर है। अभी तक इन शिक्षकों के मंडल के तहत तबादले होते रहे हैं, लेकिन पहली बार यह निर्णय लिया गया कि इनके पूरे सेवाकाल में एक बार अंतरमंडलीय तबादले किए जाएंगे।वहीं इसके लिए मंत्रिमंडल से मंजूरी मिलने के बाद विभाग ने शिक्षकों से आवेदन मांगे थे। साथ ही तबादलों के लिए एसओपी भी जारी की गई थी।
वहीं, शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, अंतरमंडलीय तबादलों के लिए जिन शिक्षकों के प्रस्ताव शासन को भेजे गए। उनमें मानकों की अनदेखी की गई है। यदी तबादला एक्ट के तहत तबादले नही किए गए तो विभाग में कोर्ट केस बढ़ सकते हैं। इसके अलावा, उत्तराखंड बोर्ड की परीक्षाएं भी शुरू होने वाली है। जिसके चलते तबादलों से व्यवस्था गड़बड़ा सकती है। इसी वजह से अभी तबादले नहीं किए जाएंगे।
दूसरी तरफ, शिक्षा विभाग में अंतरमंडलीय तबादलों में देरी होने के कारण नाराज शिक्षकों ने पिछले दिनों शिक्षा निदेशलय में धरना दिया था। इसी दौरान धरने में बैठे राजकीय शिक्षक संघ के प्रांतीय अध्यक्ष राम सिंह चौहान व महामंत्री रमेश पैन्युली का कहा कि जल्द तबादले किए जाएं।
इसके बाद, जहाँ पिछले महीने ही शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने माध्यमिक शिक्षा में सहायक अध्यापकों के अंतरमंडलीय तबादले दस दिन के भीतर करने के निर्देश दिए थे। वहीं शिक्षकों की पदोन्नति के लिए वरिष्ठता विवाद को निपटाने के लिए भी शासन स्तर पर चार सदस्यीय समिति का गठन किया गया था।
शिक्षा सचिव तबादलों के लिए पहले गलत प्रस्ताव बन गए थे। रविनाथ रामन का कहना है कि छात्र-छात्राओं की परीक्षा शुरू होने वाली है, जिसे देखते हुए तबादले अब आगामी सत्र में किए जाएंगे।