प्रदेश सरकार ने अब भूजल के व्यवसायिक उपयोग पर शुल्क वसूलने का निर्णय लिया है। यानी अब भूजल के निकास एवं स्प्रिंग्स जल का गैर कृषि व्यावसायिक इस्तेमाल करने पर सरकार शुल्क वसूलेगी। बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में राज्य में भू- जल के निकास एवं स्प्रिंग्स जल पर मूल्य की दरें तय की गई। इन दरों को दिसंबर से लागू किया जाएगा।
जानकारी के अनुसार, यह शुल्क कृषि एवं कृषि संबंधित कार्याें और राजकीय पेयजल व्यवस्था को छोड़कर अन्य कार्यों में वसूला जाएगा। कैबिनेट ने भूजल विकास एवं प्रबंधन को विनियमित करने और भूजल के अनियंत्रित दोहन को सीमित करने के लिए यह फैसला लिया है।
इसके अलावा, इस शुल्क से अतिरिक्त राजस्व की प्राप्ति भी होगी। बताया जा रहा है कि इसमे सिंचाई विभाग यह मूल्य प्रति किलो लीटर वसूल करेगा। वहीं सिंचाई विभाग के प्रमुख अभियंता जयपाल सिंह ने कहा कि मूल्य की दर तय हो गई है, इसके लिए कार्रवाई की जा रही है।
इसमें उपलब्धता का प्रकार , प्रक्रिया औद्योगिक इकाइयां, जहां जल रॉ मैटेरियल है और व्यावसायिक उपयोग उसके निम्न प्रकार दर्शाया गया है।
भूजल सुरक्षित क्षेत्र 11 54 32
भूजल अर्ध गंभीर क्षेत्र 17.60 108 52
भूजल गंभीर क्षेत्र 22 324 64
भूजल अतिदोहित क्षेत्र 44 648 128
स्प्रिंग्स जल 11 54 32