Uttarakhand UCC Law : प्रदेश में जनजातियां भी स्वेच्छा से हो सकती हैं UCC में शामिल, देना होगा सहमति पत्र

उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) कानून जल्द ही लागू होने वाला है। लेकिन इससे पहले इसका आधार रही विशेष अनुसंधान रिपोर्ट को उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट पर जारी किया गया है। इस रिपोर्ट के माध्यम से आम लोग नया कानून लाने की बुनियाद और आज के संदर्भ में उसकी आवश्यकता को समझ सकते हैं।

वहीं नियमावली क्रियान्वयन समिति के अध्यक्ष और उत्तराखंड के पूर्व मुख्य सचिव रहे शत्रुघ्न सिंह ने यूसीसी को लेकर कहा कि बेशक विभिन्न धर्मों की जनजातियों को यूसीसी के दायरे से बाहर रखा गया है, लेकिन उत्तराखंड में कोई भी जनजाति स्वेच्छा से यूसीसी में शामिल हो सकती है। इसके लिए उन्हें सहमति के लिए शपथपत्र देना होगा।

जानकारी के अनुसार, इस अनुसंधान रिपोर्ट में बताया गया है कि इस कानून को बनाने के लिए विशेषज्ञ समिति ने एक तरफ वैदिक काल के सभी धर्मशास्त्रों से लेकर विभिन्न धर्मों के पर्सनल लॉ और 12 देशों में पहले से लागू समान नागरिक संहिता का गहन अध्ययन किया। जबकि उत्तराखंड के मुस्लिम बहुल व अन्य क्षेत्रों में जाकर तमाम लोगों, खासकर महिलाओं से बातचीत के जरिए सभी पर्सनल लॉ की जमीनी हकीकत भी समझने की कोशिश भी की।

इसके बाद अध्ययन पर चार खंडों में अनुसंधान रिपोर्ट तैयार की गई। इसके आधार पर ही यूसीसी का ड्राफ्ट सरकार ने पारित किया। वहीं अब यूसीसी के नियम तैयार हो रहे हैं। साथ ही लागू करने के लिए वेब पोर्टल भी तैयार हो रहा है। उम्मीद है कि अक्तूबर तक दोनों का काम पूरा हो जाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *