Uttarakhand Uniform Civil Code: प्रदेश में अब शादी का पंजीकरण न होने पर योजनाओं का भी नही मिलेगा लाभ…,देखें क्या है जरूरी…

उत्तराखंड में जल्द ही समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने वाला है। इस कानून के लागू होने के बाद शादी का पंजीकरण करवाना अनिवार्य हो जाएगा। यदि कोई ऐसा नहीं करता तो उसे सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिलेगा। इसी संबंध में शुक्रवार को मुख्य सचिव राधा रतूड़ी और उत्तराखंड समान नागरिक संहिता समिति के सदस्य शत्रुघ्न सिंह की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। इस दौरान संहिता की नियमावली के अंतिम चरण की समीक्षा और कार्यान्वयन पर गहन विचार विमर्श किया गया। बैठक में कहा गया कि संहिता में शादी पंजीकरण अनिवार्य तौर पर कराने के प्रावधान के तहत क्रियान्वयन के लिए सरकार को उपाय करने होंगे।

वहीं बैठक में यह भी तय हुआ कि राज्य सरकार चाहे तो सरकारी सेवाएं और कल्याणकारी योजनाओं का लाभ लेने वालों के लिए शादी का पंजीकरण अनिवार्य कर सकती है। जबकि तय समय के बाद सरकारी योजनाओं का लाभ भी नही मिल सकता है। इसलिए इसे जारी रखने के लिए पहले पंजीकरण करवाना अनिवार्य होगा।

साथ ही इस बैठक में सचिव रतूड़ी और यूसीसी समिति सदस्य शत्रुघ्न सिंह ने निर्देश दिए कि यूसीसी के क्रियान्वयन के लिए बनने वाली नियमावली को अंतिम रूप देने में सभी विभागों को सहयोग व समन्वय दे। वहीं यूसीसी में प्रावधान है कि जिस तारीख से यूसीसी लागू होगा, उसके अगले छह माह तक उन जोड़ों को पंजीकरण कराने का समय दिया जाएगा, जो यूसीसी लागू होने की तारीख से पहले से शादीशुदा हैं।

जबकि उन जोड़ों को सिर्फ तीन महीने का समय मिलेगा, जो यूसीसी लागू होने की तिथि या उसके बाद शादी करेंगे। वहीं इन दोनों श्रेणी में अवधि समाप्त होने के बाद किसी भी सरकारी कल्याणकारी योजना का लाभ नहीं मिलेगा। जो भी पंजीकरण करवा लेंगे, उन्हें पहले की तरह लाभ ले सकते हैं।

इस बैठक में यूसीसी सदस्य मनु गौड़, सुरेखा डंगवाल, पुलिस महानिदेशक अभिनव कुमार, विशेष प्रमुख सचिव अमित सिन्हा, प्रमुख सचिव रमेश कुमार, सुधांशु आदि मौजूद रहे।

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