उत्तराखंड में फिर एक बार स्थाई राजधानी बनाने को लेकर बयानबाजी शुरू हो गई है। वहीं इसी के चलते पूर्व सीएम और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने गैरसैंण स्थायी राजधानी के मुद्दे पर एक बार फिर सियासत गरमा दी है। जिसे लेकर हरीश रावत ने कहा, कि मैं मुख्यमंत्री रहते गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाना चाहता था, लेकिन उस समय विजय बहुगुणा समेत कांग्रेस छोड़कर जाने वाले नेताओं ने इसका विरोध किया।
इसलिए मैं चाहकर भी गैरसैंण को स्थायी राजधानी घोषित नहीं कर पाया। वहीं दूसरी तरफ उनके इस बयान को सुनने के बाद पूर्व सीएम विजय बहुगुणा और कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने हरदा के बयान पर पलटवार करते हुए जवाब दिया।जहाँ कैबिनेट सुबोध उनियाल ने कहा कि हरीश रावत कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हैं, लेकिन उनके बयान में आश्चर्यचकित हूं।
मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा, हम लोग कांग्रेस छोड़कर गए, लेकिन उसके एक साल बाद भी हरीश रावत मुख्यमंत्री रहे। उस समय भी क्यों उन्होंने गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का निर्णय नहीं लिया। कहा कि उनके इस बयान में ढलती उम्र का असर साफ दिखता है। सुबोध ने यह तक कह डाला कि हरीश रावत उत्तराखंड में झूठ बोलने की चलती-फिरती मशीन है।
उन्होंने कहा कि हरदा झूठ बोलकर राजनीतिक गर्त में चले गए और कांग्रेस को भी डुबोने में उनकी अहम भूमिका है। वहीं अब हरीश को वानप्रस्थ आश्रम जाकर संन्यास लेना चाहिए।
इसके अलावा पूर्व सीएम विजय बहुगुणा ने भी हरीश रावत के बयान पर पलटवार किया और कहा, उस समय कांग्रेस छोड़ कर जाने वाले किसी भी नेता ने गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने का विरोध नहीं किया। वे सिर्फ झूठ बोलकर लोगों को गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। जबकि भाजपा सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया है।