उत्तरकाशी में मस्जिद को लेकर चल रहा विवाद गुरुवार को बड़े जंग में तब्दील हो गया। जहाँ एक समुदाय के धार्मिक संगठन ने मस्जिद के खिलाफ जनाक्रोश रैली निकाली। इसे देखते हुए पुलिस ने मस्जिद की ओर जाने वाली सड़क पर बैरिकेडिंग लगा दी, इस बात से प्रदर्शनकारी भड़क पड़े और पुलिसकर्मियों से बहस शुरू हो गई।
जानकारी के अनुसार, यहाँ पर करीब ढाई घंटे तक बड़े विवाद की स्थिति बनी रही। तभी अचानक कहीं से पुलिस की ओर बोतल फेंकी गई, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ना शुरू किया। वहीं फिर गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव कर दिया। बताया जा रहा है कि इस विवाद के चलते प्रदर्शनकारी व पुलिस कर्मी सहित 27 लोग घायल हुए हैं।
जहाँ, देर शाम तक बने तनाव को देखते हुए जिले में अग्रिम आदेशों तक भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता(बीएनएसएस) की धारा 163 लागू कर दी गई है। जिसको लेकर डीएम डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट ने आदेश जारी किए हैं। इसके लागू होने पर अब पांच या पांच से अधिक व्यक्तियों के एकजुट होने पर प्रतिबंध रहेगा। साथ ही सभा और जुलूस प्रदर्शन के साथ ध्वनि विस्तारक यंत्रों का प्रयोग करने पर भी प्रतिबंधित रहेगा। डीएम के आदेशानुसार धारा 163 के उल्लंघन करने वालों पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
आपको बता दे कि बृहस्पतिवार को उत्तरकाशी के जिला मुख्यालय स्थित हनुमान चौक से जनाक्रोश रैली निकली, जिसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस मौके पर देहरादून से स्वामी दर्शनलाल भारती, श्रीनगर से लखपत भंडारी, राकेश उत्तराखंडी व बड़कोट से पहुंचे केशवानंद गिरी सहित सूरज डबराल, जितेंद्र चौहान ने रैली को संबोधित किया। जहां उन्होंने लोगों से दूसरे समुदाय के व्यापारियों की दुकानों से खरीदारी न करने के साथ ही जात-पात को छोड़कर एकता का परिचय देने की बात कही। इस दौरान सभी वक्ताओं का यह कहना था कि वह एकजुट नहीं हुए तो कल के दिन वह अल्पसंख्यक हो जाएंगे। इसके बाद दोपहर करीब एक बजे रैली हनुमान चौक से मुख्य बाजार,और फिर काली कमली होते हुए आगे बढ़ी। वहीं इस रैली के आगे पुलिस बल के जवान भी चल रहे थे।
हंगामे की आशंका को देखते हुए पुलिस ने मस्जिद की ओर जाने वाली भटवाड़ी रोड पर विश्वनाथ तिराहे पर पहले से बैरिकेडिंग लगाई हुई थी। जिसे देखकर रैली के प्रदर्शनकारी भड़क गए और पुलिस के तय रूट का विरोध शुरू कर दिया। सभी लोग बैरिकेडिंग हटाने की मांग करते रहे। जिस वजह से गतिरोध की स्थिति बनी रही। लेकिन करीब साढ़े तीन बजे किसी ने पुलिस की ओर बोतल फेंकी, जिसे देख पुलिस ने भीड़ को खदेड़ने के लिए लाठीचार्ज कर दिया। वहीं फिर गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस की ओर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया। इस मुठभेड़ में दोनों पक्षों के करीब 27 लोग घायल हो गए है। साथ ही स्वामी दर्शनलाल भारती भी घायल हुए।
वहीं, रैली कर रहे प्रदर्शनकारियों को एसडीएम मुकेश चंद रमोला और सीओ प्रशांत कुमार ने समझाते रहे कि, अनुमति पत्र में जिस रूट का उल्लेख है, उसी के अनुसार बैरिकेडिंग लगाई गई है। लेकिन प्रदर्शनकारी बैरिकेडिंग हटाकर उन्हें जाने देने की मांग करते रहे।
वहीं नोकझोक के बाद लाठीचार्ज हुआ। इसी बीच भीड़ में शामिल लोग कलक्ट्रेट पहुंचे। जहां उन्होंने फिर जिला प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन शुरू किया। देखते ही देखते भीड़ टुकड़ों में बाजार में फैल गई, जिसने दूसरे समुदाय के लोगों की दुकानों को निशाना बनाते हुए नुकसान भी पहुंचाया। लोगों ने इस दौरान हनुमान चौक पर एक फल विक्रेता और एसबीआई बैंक के निकट जूता चप्पल विक्रेता का सामान बिखरा दिया।