उत्तराखंड के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल(सेनि.) गुरमीत सिंह ने बुधवार को हर्षिल में राज्य स्तरीय सेब महोत्सव एवं वाइब्रेंट विलेज परिचर्चा कार्यक्रम में शिरकत की । इस दौरान उन्होंने महोत्सव में लगे सेब स्टाल सहित विभिन्न विभागों के स्टालों का निरीक्षण किया। साथ ही उन्होंने सेब उत्पादक काश्तकारों को भी सराहा।
वहीं बीते मंगलवार को राज्यपाल जादूंग पहुंचे थे जहाँ उन्होंने होमस्टे निर्माण का जायजा लिया। इस मौके पर कार्यदायी संस्था गढ़वाल मंडल विकास निगम के साथ जिलाधिकारी डॉ. मेहरबान सिंह बिष्ट की यहां होमस्टे प्रोजेक्ट निर्माण शुरू करने पर सराहना की। उन्होंने यहां हो रहे कार्यों का दस्तावेजीकरण करने के लिए कहा, ताकि इससे वन विभाग, जीएमवीएन, जिला प्रशासन आदि की योजनाओं को अन्य सीमांत जिलों के वाइब्रेंट विलेज के अधिकारी भी प्रेरणा ले सकें।
साथ ही उन्होंने कहा कि जब वर्ड होगा तो तभी वर्ल्ड बनेगा। कहा कि देशभर में करीब 2551 वाइब्रेंट विलेज हैं। इनमें से 51 उत्तराखंड में है। वहीं अब यहाँ पर पहले चरण में ही कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा राज्य इससे एक नया इतिहास लिखेगा। इसके अलावा वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमांत जादूंग गांव को दोबारा आबाद करने के लिए शुरू होमस्टे प्रोजेक्ट की राज्यपाल ने सराहना की है। इसे लेकर उन्होंने कहा कि जादूंग गांव दोबारा जीवंत होगा, साथ ही सीमा के निकट पर्यटन , उद्यानिकी और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिलेगा। वहीं इन कामों की गूंज बीजिंग तक जाएगी।
आपको बता दे कि 1962 में हुए भारत-चीन युद्ध के समय सीमांत जादूंग व नेलांग गांव को विस्थापित कर दिया गया था। जहाँ अब सिर्फ जादूंग में जाड़ समुदाय के लोगों के खंडहर हो चुके पुराने घर बचे हैं। लेकिन सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत हाल में यहां जाड़ समुदाय के लोगों के लिए पहले चरण में जादूंग गांव में होमस्टे का निर्माण शुरू किया गया है।