प्रदेश में मानसून की शुरुआत हो चुकी हैं। वहीं बारिश के चलते भूस्खलन का खतरा भी बढ़ जाता हैं। जिसे देख मानसून सीजन में उपाध्यक्ष राज्य सलाहकार समिति विनय रूहेला ने सभी विभागों को अलर्ट मोड में रहने के निर्देश दिए हैं। जबकि बैठक में शामिल न होने पर एडीएम ऊधमसिंह नगर से उन्होंने स्पष्टीकरण मांगा है।
बता दे कि सचिवालय में सोमवार को मानसून सीजन की तैयारियों को लेकर बैठक हुई। इस बैठक के दौरान उपाध्यक्ष विनय रूहेला ने सभी जिलों को मानसून सीजन के दौरान संभावित आपदाओं को लेकर तैयारियों को चाक-चौबंद रखने, जिलों को डॉक्टरों, दवाइयों, फार्मासिस्टों, एंबुलेंस की पर्याप्त व्यवस्था रखने के निर्देश दिए है। साथ ही उन्होंने कहा कि आपदा से बचाव के लिए आम जनमानस को जागरूक किया जाए। वहीं प्रदेश में आपदा संबंधी अलर्ट और सूचनाओं का समय पर प्रचार-प्रसार जरूरी है। अलर्ट की जानकारी तुरंत लोगों तक पहुंचना चाहिए ताकि लोग सतर्क हो जाएं।
इसके अलावा जिलों के कंट्रोल रूम में नोडल अधिकारियों की तैनाती सुनिश्चित करने, सड़क कनेक्टिविटी बाधित होने पर पैदल मार्गों का निरीक्षण कर व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि आपदा मित्रों का आपदा से निपटने में बेहतर ढंग से उपयोग किया जा सकता है। वहीं दूसरी तरफ यूएसडीएमए के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप ने बैठक में सभी जिलों को निर्देश देते हुए कहा कि सैटेलाइट फोन की नियमित तौर पर टेस्टिंग की जाए ताकि आपदा के समय कोई दिक्कत न आए।
जबकि, बैठक में अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन राजकुमार नेगी ने यूएसडीएमए की तैयारियों को लेकर प्रस्तुतीकरण दिया। वहीं यूएलएमएमसी की डॉ. रुचिका टंडन ने बताया कि प्रदेशभर में 132 भूस्खलन के हॉटस्पाट चिन्हित किए गए हैं, जोकि अत्याधिक संवेदनशील हैं। वहीं वर्ल्ड बैंक के प्रोजेक्ट यूप्रीपेयर के अतिरिक्त परियोजना निदेशक एसके बिरला ने अपने प्रोजेक्ट के कार्यों पर प्रस्तुतीकरण पेश किया।
इस बैठक में यूएसडीएमए के विशेषज्ञ डीडी डालाकोटी, तंद्रीला सरकार, डॉ. पूजा राणा, वेदिका पंत, हेमंत बिष्ट, जेसिका टेरोन, मनीष भगत शामिल रहे।