उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी आश्रितों को सरकार ने बड़ी सौगात दी है। बता दे कि अब इनके भी प्रमाणपत्र बनेंगे, जिससे उन्हें सरकारी नौकरियों में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का लाभ मिलेगा। वहीं इसे लेकर शासन ने आदेश भी जारी किया है।
जानकारी के अनुसार, राज्य में 11 हजार से अधिक चिह्नित राज्य आंदोलनकारी हैं। वहीं अब गृह सचिव शैलेश बगौली ने सभी जिलों के जिलाधिकारियों को आदेश जारी किया है कि राज्य के चिह्नित आंदोलनकारी या उनके आश्रितों को 10 प्रतिशत आरक्षण कुछ शर्तों के साथ प्रदान किया जाएगा। जिसमें जो राज्य आंदोलनकारी पहले से राज्य आंदोलनकारी कोटे से सरकारी सेवा में सेवायोजित हैं।
ऐसे में उनके आश्रितों को राज्य आंदोलनकारी आश्रित प्रमाणपत्र जारी नहीं किया जाएगा। उन्होंने जारी आदेशों में कहा है कि राज्य आंदोलनकारी कोटे से सरकारी सेवा में सेवायोजित होने का लाभ ले चुके राज्य आंदोलनकारी फिर से अन्य सरकारी सेवा में क्षैतिज आरक्षण का लाभ लेने में पात्र नहीं होंगे। इसके लिए उनको यह शपथपत्र देना होगा कि उन्होंने अब तक सरकारी सेवा में क्षैतिज आरक्षण का लाभ प्राप्त किया है या नहीं।
ये थी राज्य आंदोलनकारियों की मुराद
आपको बता दे कि धामी सरकार ने राज्य आंदोलनकारियों की सरकारी नौकरी में क्षैतिज आरक्षण की मुराद पूरी कर दी है। जहाँ इससे पहले 21 अगस्त 2024 में अधिसूचना जारी होने से 2004 से सरकारी सेवा में शामिल आंदोलनकारियों की सेवाओं को जहां वैधता मिली। दूसरी तरफ, राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को नौकरी में 10 प्रतिशत क्षैतिज आरक्षण का रास्ता खुला, लेकिन एक्ट बनने के बाद से राज्य आंदोलनकारी आश्रितों के आश्रित प्रमाणपत्र जारी नहीं हो पा रहे थे, जिसकी वजह से बड़ी संख्या में आश्रितों को एक्ट का लाभ नहीं मिल पा रहा था।